सामान्यत: सभी पैक्स, लैम्पस एवं विपणन समितियां ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता समितियां चला रहे हैं.
2.
सूबे में जिला सहकारी बैंक, केंद्रीय उपभोक्ता भंडार, पैक्स, प्राइमरी उपभोक्ता समितियां और सहकारी संघ आदि मिलाकर कुल 17599 समितियां हैं।
3.
आप पायेंगे कि आज पानी का जो निजीकरण किया जा रहा है उसमें विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक में स्थानीय शासन व्यवस्था या निकायों के बजाये उपभोक्ता समितियां बना कर उनसे शुल्क वसूल करने की बात कही है।